आखिर संदीप कौर सबकुछ जानते हुए भी क्यों सम्मिलित हुई इस बैठक में?
AMAR TIMES न्यूज़ से
अनुज नागपाल की रिपोर्ट
# फरीदाबाद लोकसभा निगरानी समिति संयोजक तक नहीं जानते अपने विशिष्ट नागरिकों को।
# किसके द्वारा बुलवाया गया संदीप कौर को?
# भाजपा में निगरानी समितियों और विशिष्ट नागरिकों को लेकर कुछ भी सही नहीं है। यह बात आज सेक्टर 3 निकट मटका चौक पर आयोजित हुई निगरानी कमेटी की एक बैठक में पुनः सिद्ध हो गई। इस बैठक को फरीदाबाद लोकसभा निगरानी कमेटी के संयोजक ओम प्रकाश रक्षवाल ने संबोधित किया। गौरतलब है कि अभी 2 दिन पूर्व ही बड़खल निगरानी समिति के प्रमुख आनंद कांत भाटिया ने बतौर विशिष्ट नागरिक अपने पद से सीएम विंडो पर कुछ भी सही ना होने के कारण इस्तीफा दिया और प्रदेश के मुखिया से यह गुहार लगाई थी कि इस पर ध्यान देना अति आवश्यक है अन्यथा प्रदेश के शिकायतकर्ताओं का विश्वास ही सीएम विंडो पर से उठ जाएगा। भाजपा की सेक्टर 3 में संपन्न हुई निगरानी कमेटी की आज की बैठक ने एक बार फिर से आनंद कांत भाटिया द्वारा लगाए गए आरोप सिद्ध कर दिए हैं। बैठक के आयोजन को लेकर बाकायदा एक प्रेस नोट जारी किया गया और कि जिसके अनुसार बैठक में जिला फरीदाबाद की विभिन्न विधान सभाओं के विशिष्ट नागरिकों ने हिस्सा लिया और जिसमें स्वयं संयोजक ओम प्रकाश रक्षवाल के अलावा डॉ० आर०एन० सिंह, वजीर सिंह डागर, रमेश भारद्वाज, राजेश अरोड़ा, संदीप कौर व मनोज वशिष्ट मौजूद बताए गए।
बड़खल विधानसभा के लगभग हर नागरिक व प्रशासनिक अधिकारियों को यह भली-भांति मालूम है कि संदीप कौर सीएम विंडो के शुरुआती दौर में ही सरकार द्वारा बतौर विशिष्ट नागरिक हटा ली गईं थीं और उनके स्थान पर मुकेश चौधरी को मनोनीत किया गया था। इसी बात पर स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए जब हमारे संवाददाता ने संयोजक ओम प्रकाश रक्षवाल से बात की तो उन्होंने केवल उनके द्वारा प्रेस नोट जारी न करने की बात कह कर फोन काट दिया और बाकी किसी भी बात का कोई जवाब नहीं दिया। अब यहां यह प्रश्न उठता है कि जब जिला संयोजक निगरानी समिति ओम प्रकाश रक्षवाल और वहां मौजूद अन्य विशिष्ट नागरिकों तक को यह बोध नहीं कि प्रदेश सरकार द्वारा किस विधानसभा के लिए कौन-कौन बतौर विशिष्ट नागरिक मनोनीत किया गया है तो ऐसे में लोगों की शिकायतों को कैसे तो सुना जाएगा और कैसे ही उनका निवारण भी किया जाता होगा? यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। दूसरा महत्त्वपूर्ण प्रश्न कि संदीप कौर को इस बैठक में सम्मिलित होने के लिए किसने तो आमंत्रित किया और जब वे बड़खल विधानसभा की विशिष्ट नागरिक हैं ही नहीं तो क्यों कर वह इस बैठक में सम्मिलित ही हुई?
जिले में चल रही इन सभी गतिविधियों को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश के मुखिया की सीएम विंडो पर यकीनन कुछ भी सही नहीं है तो ऐसे में नागरिकों को उनके द्वारा सीएम विंडो पर लगाई गई उनकी शिकायतों पर कैसा और कितना न्याय मिलने की संभावना रह जाती है यह अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है और 2 दिन पूर्व ही आनंद कांत भाटिया द्वारा लगाए गए आरोपों को कहीं ना कहीं सिद्ध करता दिखाई देता है। प्रदेश के मुखिया एवं सीएम विंडो पर लगाए गए ओ०एस०डी० भूपेश्वर दयाल जी को इस विषय पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए अन्यथा इतने बड़े ओहदों पर बैठाए गए पदआधिकारी किस प्रकार तो पार्टी की और किस प्रकार ही अपने पद की गरिमा को बनाए रखने में कामयाब हो सकेंगे?