निगमायुक्त एवं संयुक्त आयुक्त की कार्यशैली की शहर भर में तारीफ़।
AMAR TIMES न्यूज़ से
अनुज नागपाल की रिपोर्ट
# व्यापारिक संगठनों और सामाजिक संस्थाओं को करना चाहिए सहयोग।
# अतिक्रमणकारियों और बिल्डर लॉबी में अफरा-तफरी का माहौल।
# एन०आई०टी० फरीदाबाद इन दिनों नगर निगम द्वारा उसके अधिकार क्षेत्र में की जा रही अवैध निर्माणों और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दहशत में है। इसी कारवाई को लेकर शहर के लोगों के बीच तोड़फोड़ विभाग के सर्वे सर्वा एवं संयुक्त आयुक्त (टी०) प्रशांत अटकान अपनी कार्यशैली के चलते खासी चर्चा में हैं। गौरतलब है कि बीते 1 माह से अधिक समय में नगर निगम के इन्हीं संयुक्त आयुक्त द्वारा शहर भर में अवैध निर्माणों को सील करने के साथ-साथ सरकारी जमीनों और ग्रीन बेल्ट इत्यादि से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। जहां एक ओर शहर भर के बिल्डरों एवं अवैध निर्माणकर्ताओं में अफरा-तफरी का माहौल है वहीं शहर के बुद्धिजीवियों के साथ साथ जागरूक निवासियों को इस अधिकारी की तारीफ करते सुना जा सकता है।
आजकल शहर में चल रही सीलिंग की कार्रवाई निगमायुक्त यशपाल यादव के दिनांक 08/02/2021 के आदेशानुसार अमल में लाई जा रही है और इस दौरान संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान के साथ बाकायदा एक अधिवक्ता भी तोड़-फोड़, सीलिंग और अतिक्रमण हटाने की कारवाई में तोड़फोड़ दस्ते के साथ मौजूद रहता है। निगमायुक्त यशपाल यादव द्वारा जारी उक्त आदेश माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन वर्ष 2008 के विरुद्ध में दिए गए हैं। यह वाद स्थानीय निवासी कृष्ण लाल गेरा द्वारा दायर करवाया गया था और इसी वाद में बार-बार माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश जारी करने उपरांत भी नगर निगम द्वारा कार्रवाई ना करने पर अदालत की अवमानना का वाद भी दायर करवाया गया है। माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 25/02/2020 को उसी COCP 3490 के तहत सख्त आदेश जारी करते हुए तत्कालीन निगमायुक्त की क्षमायाचना का जिक्र करते हुए नगर निगम द्वारा माने गए अवैध निर्माणों एवं अतिक्रमण के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई करते हुए ध्वस्त करने के लिए कहा है लेकिन अपने रुख में कुछ हद तक नरमी बरतते हुए संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान द्वारा चलाए जा रहे अभियान में तोड़फोड़ की बजाए केवल सीलिंग करने का कार्य किया जा रहा है। यदि निगमायुक्त द्वारा जारी आदेशों को देखें तो जिन अधिकारियों के कार्यकाल में उक्त अवैध निर्माण या अतिक्रमण किए गए हैं के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई और उन्हीं से वसूली करने की कार्रवाई के आदेश तक जारी किए गए हैं।
रोजाना अतिक्रमण और अवैध निर्माणों के चलते समस्याओं से दो-चार होने वाले स्थानीय निवासी फिलहाल की संयुक्त आयुक्त की कार्रवाई से कुछ हद तक राहत महसूस कर रहे हैं और खासे आशावान हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इन अतिक्रमण करने वालों ने शहर का सत्यानाश करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। यहां तक कि रिहायशी इलाकों में व्यापारिक गतिविधियां चलने से लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। इन अतिक्रमणकारियों को कहीं ना कहीं छुटभैया नेताओं और सत्ताधारी नेताओं, पार्षदों का सहारा मिलने के कारण इनके हौसले बुलंद हैं और यही कारण है यह लोग सरकारी जमीनों, ग्रीन बेल्ट एवं राहगीरों के चलने के रास्तों तक पर कब्जे कर ना केवल हजारों लाखों रुपयों की अतिरिक्त आय पैदा करते हैं अपितु व्यवस्था को बिगाड़ते हुए सरकार व प्रशासन को लाखों रुपयों के राजस्व का नुकसान भी पहुंचाने में लगे हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो कुछ जागरूक संस्थाओं, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों और बुद्धिजीवियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री के साथ साथ निकाय मंत्री श्री अनिल विज को पत्र लिख संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान की कार्यशैली जिसके तहत एक के बाद एक सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करवाने और ऐसी इमारतों को सील करने जिनकी वजह से प्रशासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया हो या कि फिर जिनके द्वारा समयानुसार करों का भुगतान ना किया गया हो को सील किया जाने की न केवल जमकर तारीफ की है अपितु ऐसे अधिकारी को और अधिक अधिकार देने की बात भी रखी है ताकि फरीदाबाद स्मार्ट सिटी का सपना जो कि प्रदेश सरकार द्वारा ही शहरवासियों को दिखाया गया है केवल किताबों तक ही सीमित न रह जाए।
स्थानीय निवासियों का यह भी मानना है कि यदि उन्हीं नेताओं द्वारा माननीय उच्च न्यायालय एवं निगमायुक्त के आदेशों को क्रियान्वित नहीं होने दिया जाता जिन्होंने स्वयं शहर को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने का वायदा चुनावों के दौरान किया था तो वह गलत कहलाने योग्य ही होगा। आज शहर की व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है और आम जनता को निकलने के रास्ते तक किसी भी सड़क पर निगाह मार कर देख लें नहीं मिलते दिखाई देते, तो ऐसे में फरीदाबाद स्मार्ट सिटी की रेस में भी एक दिन ठीक उसी तरीके से पिछड़ा हुआ दिखाई देगा जिस प्रकार से प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद अव्वल दर्जे पर पहुंचा दिया गया है। कहीं ना कहीं अवैध निर्माण और अतिक्रमण भी फरीदाबाद शहर को प्रदूषण में अव्वल दर्जे पर पहुंचाने के भागीदार हैं।
अब देखना यह है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की पूर्ति स्वच्छ छवि के निगमायुक्त यशपाल यादव और प्रतिबध एवं दृढ़ निश्चय के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान किस-किस प्रकार की बाधाओं को लांघते हुए करवाने में कामयाब होते हैं। स्थानीय निवासियों का यह भी मानना है कि शहर की व्यवस्था बनवाने और ऐसे अधिकारियों को सशक्त करने के लिए विभिन्न व्यापारिक संगठनों और सामाजिक संस्थाओं को भी आगे बढ़ते हुए सकारात्मक सहयोग देना चाहिए।