फरीदाबाद N.I.T 2 A निवासी भरत खट्टर लड़कियों के फोटो एडिट करके ब्लैकमेल करता था POCSO अधिनियम के तहत अपराध करने वाले व्यक्ति की बेल होने के बाद भी बेल को खारिज करवा कर रेनु भाटिया ने उसे जेल भिजवाया।
AMAR TIMES न्यूज से
संदीप की रिपोर्ट
फरीदाबाद मे एन.आई.टी-2 A निवासी भरत खट्टर नाबालिक छात्राओं के साथ ऑनलाइन सेक्सटॉर्जन का आरोपी लड़कियों के नाम से फर्जी आईडी बनाकर सोशल मीडिया एप्स की मदद से नाबालिग छात्राओं को शिकार बनाता था। यह आरोपी लड़की की फोटो एडिट कर न्यूड कंटेंट बनाने के बाद ब्लैकमेल कर उन्हें गलत काम करने के लिए प्रेरित करता था। आरोप है कि यह कुछ बच्चियों को परेशान कर रहा था।
फरीदाबाद पुलिस ने बच्ची के पिता की शिकायत पर आरोपी को पकड़ा तो सही लेकिन पुलिस ने आरोपी की साठगांठ से उस पर हल्की धाराए लगा कर बेल करवा दी। इतना बड़ा अपराध होने के बाद जब पुलिस ने आरोपी के ऊपर हल्की धाराऐ लगवा कर उसकी बेल करवाई तो बच्ची के पिता ने हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनु भाटिया को सारी धटना के बारे मे बताया। इस बच्ची के हौंसले की मदद से बेहद ही गोपनीय तरीके से हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनु भाटिया ने काम किया।
रेनू भाटिया ने नाबालिग स्कूली छात्राओं को इस तरह ऑनलाइन सोशल मीडिया एप्स का दुरूपयोग कर सेक्सटार्जन करने के प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लिया और उन्होंने खुद के निर्देशन के नेतृत्व में टीम गठित अनुसंधान के बाद डाटा संकलन किया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अत्यंत गोपनीय तरीके से गहनता से अनुसंधान कर सोशल मीडिया एप्स इंस्टाग्राम व स्नेपचैट से डाटा प्राप्त कर डाटा एनालिसिस किया गया।
वारदात की जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी यौन विकृत मानसिकता से ग्रसित है, जो पूर्व में भी इस तरह के अपराध में दिल्ली पुलिस की ओर से गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी बहुत ही अच्छा तकनीकी ज्ञान रखता है. इसका इस्तेमाल वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम, स्नैपचैट आदि पर छोटी बच्चियों के नाम से आईडी बनाकर अन्य लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड करता था। लडकी की ओर से रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने पर शुरू में उससे लड़की बनकर साधारण चैट्स करता था। आरोपी गूगल से किसी और लड़की के फोटो डाउनलोड कर भेजकर उसे अपना बता देता था, ताकि लड़कियों का विश्वास कायम किया जा सके। फिर उन लड़कियों के भी साधारण फोटो ले लेता था, इसके बाद उसमें एडिटिंग कर उन्हे हाफ न्यूड कंटेट में बदल कर धीरे-धीरे उन लड़कियों को ब्लैकमेल करने लगता था। इसके बाद बच्चियों से उनके पूरे नग्न फोटो भेजने के लिए कहता था। इसके बाद तो वह सेक्सुअल गतिविधियां करने के लिए मजबूर करने लगता था। बच्चियां शर्म व डर के मारे किसी को बता नहीं पाती थी, जिससे आरोपी के हौसले बुलंद होते जा रहे थे और वह अपराध को लगातार दोहरा रहा था।
रेनू भाटिया की सहायता से बच्ची और उसके पिता ने न्यायालय मे पेश होकर अपनी आपबीती सुनाई।
न्यायालय का कहना है कि इस तरह के मामले समाज के लिए बेहद चिंता का विषय है। और न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका रद्द करके उसे जेल भेज दिया।