अवैध निर्माणों, अवैध कब्ज़ों और भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए SIT का गठन।
AMAR TIMES न्यूज़ से
अनुज नागपाल की रिपोर्ट
एन०आई०टी० फरीदाबाद में गत दिनों नगर निगम द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में अवैध निर्माणों और अतिक्रमणों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर हरियाणा सरकार के निकाय विभाग द्वारा एक SIT का गठन करते हुए न केवल इस अभियान को उचित ठहरा दिया है अपितु एक तरह से इस पर अपनी सहमति की मोहर भी लगा दी है। गौरतलब है कि शहर में निगमायुक्त के आदेशानुसार संयुक्त आयुक्त (टी०) प्रशांत अटकान ने अतिक्रमण हटाने और अवैध निर्माण सील करने का एक अभियान चलाया हुआ है और कि जिसके चलते शहर की बिल्डर लॉबी में अफरा-तफरी का माहौल है। जहां एक ओर शहर के बुद्धिजीवी लोग संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान की कार्यशैली की तारीफ करते सुनाई दिए वहीं कब्जाधारियों और अवैध निर्माणकर्ताओं के साथ-साथ बिल्डर लॉबी में इस बात की दहशत रही कि अब कौन बचेगा और कौन नहीं।
लेकिन चंडीगढ़ से पहुंचे एक पत्र ने आज पूरा दिन शहर का माहौल गरमाए रखा। यह पत्र सरकार के निकाय विभाग द्वारा गठित SIT से संबंधित था और कि जिसके सदस्यों के रूप में निदेशक निकाय विभाग के साथ-साथ निगमायुक्त और संयुक्त आयुक्त (टी०) को नियुक्त किया गया है। इस SIT को 30 दिनों के अंदर ना केवल शहर भर में नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत किए गए कब्ज़ों और अवैध निर्माणों की सूची तैयार करनी है, कब्ज़ा मुक्त करवाना है और अवैध इमारतों को सील कर सूची सौंपनी है अपितु यह भी देखना है कि वह निर्माण और कब्ज़े किन-किन अधिकारियों के समय में किए गए हैं उन सभी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और वसूली तक सुनिश्चित करना इसी SIT का कार्य होगा। मात्र इन पंक्तियों का खुलासा होने से दिन भर नगर निगम के तोड़फोड़ अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा और अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को साफ कहते सुना गया कि यदि संयुक्त आयुक्त (टी०) को सही से काम करने का मौका मिल गया तो तोड़फोड़ विभाग के कई पूर्व अधिकारी व कर्मचारी नपने तय हैं।
नगर निगम फरीदाबाद कई वादों में माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष समय-समय पर अपनी कार्यशैली के चलते लताड़ा जाता रहा है लेकिन हाल ही में जिस सख्ती से माननीय उच्च न्यायालय में निगमायुक्त, संयुक्त आयुक्त व अन्य अधिकारियों को उनकी जवाबदेहियां तय करते हुए कार्य को अंजाम देने उपरांत पेश होने के लिए कहा है यह उसी का परिणाम है कि अंततः मुख्यालय में बैठे विभाग के उच्च अधिकारियों को ना केवल SIT का गठन करना पड़ा अपितु उसको एक निर्धारित समय सीमा में नियम अनुसार कार्रवाई करने और संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सूची भी तैयार करवा विभागीय कार्रवाई और वसूली तक करने के निर्देश जारी करने पड़े। गत 1 माह के अंतराल में संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान की कार्यशैली और दृढ़ निश्चेय को देख चुके स्थानीय लोगों में अब इस बात को लेकर उत्साह स्पष्ट दिखाई देता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त तोड़ फोड़ विभाग के पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों पर कैसा रुख रहने वाला है इस अधिकारी का। लोगों का मानना है कि यदि संयुक्त आयुक्त को उनके काम करने के तरीके से जांच करने, सूची तैयार करने, इत्यादि कार्य करने दिए गए तो यह तय है कि भ्रष्टाचार का एक बहुत बड़ा भांडाफोड़ आने वाले दिनों में फरीदाबाद की जनता को देखने को मिल सकता है और भाजपा और जजपा की गठबंधन वाली सरकार पर भ्रष्टाचार के लगने वाले आरोप भी इसी SIT की कार्यशैली ही तय करने वाली है। लोगों में निष्पक्ष निगमायुक्त यशपाल यादव की कार्यशैली और ईमानदारी का भी खासा प्रभाव है और आगामी 15 दिन न केवल इस गठित SIT के सदस्यों के लिए अपितु फरीदाबाद के हर वर्ग के लोगों के लिए रोमांच से भरे रहने वाले हैं।